सार्थक उपन्यास के लिए सशक्त कथावस्तु अनिवार्य : मुख्य अतिथि
अनंता चंद्र पात्र का उपन्यास 'अनन्या श्रीराधा' बालेश्वर में हुआ लोकार्पित

बालेश्वर, 27 अप्रैल (कृष्ण कुमार महांति) –
प्रख्यात लेखक अनंता चंद्र पात्र द्वारा रचित उपन्यास अनन्या श्रीराधा का लोकार्पण समारोह हाल ही में बालेश्वर के सोरा संस्कृति भवन परिसर में आयोजित किया गया।
समारोह की अध्यक्षता डॉ. रमाकांत बेहरा ने की, जबकि मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. श्रीकांत चरण पात्र ने पुस्तक का उद्घाटन करते हुए कहा कि वैष्णव चेतना की आध्यात्मिक भावना अनन्या श्रीराधा का भावात्मक केंद्र है, जो इसे बौद्धिक और सांसारिक दोनों दृष्टियों से समृद्ध बनाती है।
मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. मथुरानाथ होता ने अपने संबोधन में बताया कि आध्यात्मिकता और पौराणिक आख्यान लंबे समय से ओड़िया उपन्यास लेखन के लिए प्रेरणा का स्रोत रहे हैं।
विशिष्ट अतिथि और पूर्व अध्यक्ष विजय कुमार दास ने कहा कि ओड़िया साहित्य में उपन्यास विधा का महत्वपूर्ण स्थान रहा है, किंतु आजकल लेखकों और पाठकों दोनों के बीच इसके प्रति श्रद्धा में धीरे-धीरे कमी आ रही है।
पुस्तक समीक्षक डॉ. रवींद्र बिहारी ने कहा कि अनन्या श्रीराधा चरित्र-चित्रण और घटनाक्रम की प्रस्तुति के लिहाज से काफी हद तक सफल रही है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि वर्तमान समय में जहाँ उपन्यास लेखन में शिथिलता देखी जा रही है, वहीं पात्र का यह प्रयास एक सुखद अपवाद के रूप में उभरता है।
सुवर्णश्री प्रकाशनी के प्रमुख और इस पुस्तक के प्रकाशक डॉ. कालिपद पंडा ने कहा कि यदि ओड़िया उपन्यासों की तुलना विश्व साहित्य के उत्कृष्ट उपन्यासों से की जाए, तो वे और भी सशक्त बन सकते हैं।
लेखक अनंता चंद्र पात्र ने अपने वक्तव्य में अनन्या श्रीराधा की लंबी पृष्ठभूमि और सृजन-यात्रा पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम के प्रारंभ में अशोक कुमार महांति ने स्वागत भाषण दिया, जबकि दामोदर दास महापात्र ने कार्यक्रम की भूमिका प्रस्तुत की।
देवेन्द्र कुमार प्रधान ने अतिथियों का परिचय कराया और चन्द्रमोहन महापात्र ने धन्यवाद ज्ञापन दिया।
इस अवसर पर कृतिका पात्र ने एक मनमोहक ओड़िसी नृत्य प्रस्तुति भी दी।
कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में काव्य-पाठ का आयोजन हुआ।
कवि सुरंजन पात्र ने इसकी अध्यक्षता की, जबकि कवयित्री सस्मिता राउत और कवि कमललोचन बेहरा ने संयोजन किया।
काव्य-पाठ करने वालों में नवकिशोर दास, लंबोदर मिश्र, महेश्वर पंडा, चेमेई दास, मिनती कर, भाग्यलक्ष्मी दे, रामचंद्र पृष्टि, अच्युत कुमार पंडा, रवींद्र कुमार दास, बैद्यनाथ दास, शरत कुमार पात्र, सनत पात्र, सीमांत पात्र, मितारानी बेहरा, तपस्विनी पात्र और तृप्तिरानी सरकार शामिल थे।