राजस्व कर्मचारी कल से अनिश्चितकालीन सामूहिक अवकाश पर, लंबित मांगों को लेकर हड़ताल तेज़

बालेश्वर, 10/08 (कृष्ण कुमार मोहंती):
कल से सभी राजस्व कर्मचारी अपनी लंबे समय से लंबित 10 सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन सामूहिक अवकाश पर जाएंगे। ज़िला अध्यक्ष श्री रूपक कुमार दास, सचिव श्री स्वस्तिक दास तथा अन्य नेताओं ने मीडिया को यह स्पष्ट रूप से बताया और चेतावनी दी कि जब तक सरकार उनकी सभी मांगें पूरी कर आधिकारिक अधिसूचना जारी नहीं करती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा और जनता को होने वाली असुविधा के लिए पूरी तरह सरकार जिम्मेदार होगी।
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ज्ञात हो कि ज़िला स्तर के राजस्व कर्मचारियों ने अपनी 10 सूत्रीय मांगों को पूरा करने के लिए राज्य सरकार से कई बार गुहार लगाई थी। इसके बाद 9 जुलाई को राज्य संघ के शीर्ष नेताओं के साथ बैठक में सरकार ने आश्वासन दिया था कि 7 से 15 दिनों के भीतर सभी मांगें पूरी कर दी जाएंगी। इस आश्वासन के बाद 14 जुलाई को होने वाला राज्यव्यापी आंदोलन 10 अगस्त तक स्थगित कर दिया गया था। लेकिन, मांगें पूरी करने के बजाय सरकार ने कथित तौर पर शत्रुतापूर्ण रवैया अपनाते हुए राजस्व सेवा की पदोन्नति संरचना पर असर डालने वाला एक आदेश जारी कर दिया, जिसे कर्मचारियों ने अपने कैरियर पर गंभीर चोट बताया है।
कर्मचारियों का कहना है कि इस आदेश ने उनके बीच व्यापक असंतोष पैदा कर दिया है। वर्षों से पद पुनर्गठन के कारण उन्हें नियमित पदोन्नति से वंचित रखा गया है, जिसके चलते कुछ लोग सेवानिवृत्त भी हो गए, फिर भी उन्हें उनका उचित हक़ नहीं मिला। उनका आरोप है कि वे पूरी दक्षता से सीमित समय में सरकारी योजनाएं जनता तक पहुंचाते रहे हैं, लेकिन सरकार लगातार उनकी उपेक्षा कर रही है।
उनकी प्रमुख मांगों में ज़िला स्तर के राजस्व कर्मचारियों का मूल वेतन ORSP-2017 नियमों के अनुसार लेवल-9 तक बढ़ाना; 15-03-2024 की सामान्य प्रशासन एवं शिकायत विभाग की संकल्प संख्या 8898 और सभी 30 ज़िलाधिकारियों द्वारा प्रदान की गई जानकारी के आधार पर नए पद सृजन व पुनर्गठन करना; राज्य के सभी सरकारी कर्मचारियों को प्रति वर्ष 20 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा लागू करना; 1990 के नियमों के अनुसार दिवंगत सरकारी कर्मचारी के योग्य पारिवारिक सदस्य को नियुक्ति प्रदान करना; और सभी सरकारी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना में शामिल करना शामिल है।
बुद्धिजीवियों, वकीलों और अन्य आम नागरिकों ने सरकार से अपील की है कि वह टालमटोल नीति छोड़कर इन उचित मांगों को शीघ्र पूरा करे, जिससे कर्मचारी वापस काम पर लौट सकें।