‘कवि बिपिन नायक संध्या’ का आयोजन बालासोर में ‘भल कविता की खोज’ (BKK) द्वारा
* “अच्छी कविता हमेशा दुर्लभ होती है,” बिपिन नायक का कथन

*Product Name* - *Kesh Art Bhringraj & Neem Hair Cleanser for Controlling Hair fall & Dandruff* *Product link* -
Powered by myUpchar
*Product Name* - *myUpchar 2% Salicylic Acid Serum For Acne, Pimples, Blackheads & Open Pores for both Women & Men - 50ml* *Product Link* -
Powered by myUpchar
बालासोर, 5/7 (कृष्ण कुमार महांती):
कल संध्या, प्रतिष्ठित कवि बिपिन नायक के सम्मान में ‘कवि बिपिन नायक संध्या’ नामक एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन ACPL सभागार में साहित्यिक संस्था ‘भल कविता की खोज’ (BKK) द्वारा किया गया।
काव्यात्मक मौलिकता की सतत खोज में लगी यह संस्था अपने 77वें सत्र को एक ऐसे कवि को समर्पित कर रही थी, जो कविता को जीते हैं — ब्रह्मपुर निवासी, ख्यातिलब्ध कवि बिपिन नायक। कार्यक्रम उनके जन्म मास में आयोजित होने के कारण कवि नायक ने भावुक स्वर में आभार व्यक्त करते हुए कहा:
“जब मुझे साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला था, तब भी उतनी खुशी नहीं हुई थी, जितनी आज बालासोर की इस आत्मीय गोष्ठी में हो रही है। यह संध्या मेरे लिए एक दुर्लभ और गहरे आनंद का अनुभव रही। अच्छी कविता हमेशा दुर्लभ होती है — और वही दुर्लभता उसे सच्चे अर्थों में श्रेष्ठ बनाती है। जो आसानी से मिल जाए, वह कभी महान नहीं हो सकता। मुझे नहीं पता मैं कविता कैसे लिखता हूं, लेकिन हर बार यह एक भावनात्मक और अनुभव की यात्रा होती है। मुझे किसी सिद्धांत या पाश्चात्य विचारधारा की जानकारी नहीं है। मेरा संघर्ष शब्दों से होता है — मैं उन्हें तोड़ता हूं, गढ़ता हूं। और कविता क्या है, यदि वह शब्दों की स्थापत्य न हो? कवि ही है जो भावों की रचना में शब्दों को आकार देता है। यही मैं करता आया हूं।”
कार्यक्रम की शुरुआत में भल कविता की खोज के संयोजक कृष्ण कुमार महांती ने मंच पर अतिथियों का स्वागत किया। सह-संयोजक कवि स्रीदेब ने मंच का संचालन किया और कवि नायक की रचना प्रक्रिया पर विचार रखे। संस्था के कार्यकारी सदस्य कवि उत्पल महांती ने अतिथि कवि का परिचय प्रस्तुत किया और आभार प्रकट किया।
यह भावनात्मक और बौद्धिक संध्या अनेक कवियों और साहित्यकारों की उपस्थिति से सुशोभित रही, जिनमें प्रमुख थे — प्रशांत दास, डॉ. हरीशचंद्र बेहरा, डॉ. सुभाष चंद्र पात्र, अभय दास, कहानीकार गंगाधर बिस्वाल, कवि रंजन बाउग, शुभेंदु दास, कमलिनी कास्टा, प्रीतिलेखा दास, देबजानी दास, डॉ. संतोष कुमार नायक, सितांशु लेंका, सत्य साहू, के. श्यामबाबू डोरा, बसंत बेहरा, संजय पांडा और राजेश गिरी आदि। सभी ने कवि बिपिन नायक से जुड़ी स्मृतियों को साझा किया और उनकी कविताओं का पाठ किया।