ओड़िया कहानी जगत के ‘अप्रतिद्वन्द्वी सम्राट’ थे कन-हेई-लाल : शांति कानन में मनाई गई कन-हेई-लाल दास की 50वीं पुण्यतिथि

Jul 28, 2025 - 22:31
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ओड़िया कहानी जगत के ‘अप्रतिद्वन्द्वी सम्राट’ थे कन-हेई-लाल : शांति कानन में मनाई गई कन-हेई-लाल दास की 50वीं पुण्यतिथि

बालेश्वर, 28/7 – (कृष्ण कुमार मोहंती): कनहेईलाल दास ओड़िया लघुकथा जगत के अप्रतिद्वन्द्वी सम्राट थे। मात्र 28 वर्षों के जीवनकाल में उन्होंने जिस प्रकार ओड़िया कहानी को प्रयोगधर्मिता और आत्मस्वीकृति की नई दिशा दी, वह उन्हें एक युगप्रवर्तक के रूप में स्थापित करता है। उनकी कहानियाँ कल्पना की नहीं, बल्कि यथार्थ की उपज हैं—जो उनके जीवन के निजी अनुभवों और अंतर्द्वंद्वों की सजीव अभिव्यक्ति हैं।

उनकी 50वीं पुण्यतिथि के अवसर पर शांति कानन में एक स्मृति सभा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर फकीर मोहन स्वायत्त महाविद्यालय के ओड़िया विभागाध्यक्ष डॉ. संतोष कुमार नायक, सुप्रसिद्ध कहानीकार उदय नारायण दास और प्रतिष्ठित कथाकार स्मृति दास उपस्थित थे। सभी वक्ताओं ने कनहेईलाल के साहित्यिक योगदान पर गहराई से प्रकाश डाला।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे फकीरमोहन साहित्य परिषद (FMSP) के अध्यक्ष डॉ. सुभाष चंद्र पात्र ने कहा कि कनहेईलाल ने ईमानदार और पारदर्शी जीवन जीने का संकल्प लिया था। उन्होंने अपने जीवन को एक खुली किताब की तरह प्रस्तुत किया—दुख, संघर्ष, कमजोरियाँ और मानवीय त्रुटियाँ—सभी को उन्होंने निडरतापूर्वक अपनी कहानियों और डायरियों में उजागर किया।

FMSP के संयुक्त सचिव राजेश गिरि ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कार्यक्रम की शुरुआत की। धन्यवाद ज्ञापन परिषद की संयुक्त सचिव कल्याणी नंदा ने किया।

इस अवसर पर डॉ. लक्ष्मीकांत त्रिपाठी, दिनबंधु लेंका, डॉ. प्रह्लाद चरण मोहंती, प्रदीप्त पांडा, डॉ. शिरीष चंद्र जेना, रंजन बाग, दीपक बोस सहित कई बुद्धिजीवी, साहित्यप्रेमी और विद्यार्थी उपस्थित थे।