"हिंदी के विकास में हिंदीतर" : विजय नगरकर

नेहा भंडारकर
एक बहुभाषी लेखिका और अनुवादक हैं, जिन्होंने मराठी, हिंदी और अंग्रेजी में कुल 16 पुस्तकें प्रकाशित की हैं। उनके साहित्यिक योगदान को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। उनकी कविताएँ और कहानियाँ विश्व भर की पत्रिकाओं व संकलनों में प्रकाशित हुई हैं तथा कई भाषाओं में अनूदित की गई हैं। उन्हें दो बार हिंदी राज्य साहित्य अकादमी पुरस्कार प्राप्त हुआ है। वर्ष 2024 में उनके साहित्य को अमरावती विश्वविद्यालय के बी.कॉम. पाठ्यक्रम में शामिल किया गया। उन्होंने फ्रांसीसी व शिकागो रेडियो पर अपनी अनुदित कविताएँ प्रसारित कराई हैं। वे ग्लोबल नेशन, बांग्लादेश की अंतरराष्ट्रीय शांति राजदूत एवं इंटरनेशनल फोरम ऑफ क्रिएटिविटी एंड ह्यूमैनिटी, मोरक्को की सांस्कृतिक राजदूत भी हैं।
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1. प्रारंभिक जीवन एवं पृष्ठभूमि
1.1 शिक्षा एवं प्रारंभिक रुझान
नेहा भंडारकर का जन्म साहित्य-प्रेमी परिवेश में हुआ, जहाँ उन्हें बचपन से ही कविताएँ और कहानियाँ रचने की प्रेरणा मिली। विद्यालय और स्नातक स्तर की पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने लेखन के प्रति गंभीर रुचि विकसित की, जिसने बाद में उन्हें तीनों भाषाओं—मराठी, हिंदी और अंग्रेजी—में रचनाएँ करने के लिए सक्षम बनाया।
1.2 बहुभाषी लेखन
नेहा के लेखन की विशेषता उनकी बहुभाषीय दक्षता है। मराठी और हिंदी उनका स्वाभाविक माध्यम हैं, जबकि अंग्रेजी में लिखने की उनकी पकड़ उन्होंने उच्च शिक्षा और अंतरराष्ट्रीय पाठकों से संवाद के लिए मजबूत की। इस बहुभाषीय क्षमता ने उन्हें विभिन्न सांस्कृतिक परिप्रेक्ष्यों को समझने और प्रस्तुत करने में विशेष योगदान दिया।
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2. साहित्यिक कृतियाँ एवं पुरस्कार
2.1 प्रकाशित पुस्तकें
मराठी में 16 पुस्तकें: जिसमें उपन्यास, कहानी-संग्रह और कविता-संग्रह शामिल हैं।
हिंदी में 4 पुस्तकें: जिनमें चरित्र ग्रन्थ / जीवनी आदि विषयों पर आधारित नाटकात्मक रचनाएँ भी शामिल हैं।
अंग्रेजी में 3 पुस्तकें: जिनमें 1 कहानी संग्रह तथा 2 कविता-संग्रह हैं।
कुल मिलाकर 19 पुस्तकें प्रकाशित हैं, जो विभिन्न प्रकाशकों से राष्ट्रीय तथा अंतराष्ट्रीय स्तर पर प्रकाशित हुईं।
2.2 प्राप्त सम्मान
राष्ट्रीय पुरस्कार: कई राज्य स्तरीय साहित्यिक सम्मान और दो बार हिंदी राज्य साहित्य अकादमी पुरस्कार।
अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार: विदेशी साहित्यिक संस्थाओं द्वारा उत्कृष्ट अनुवाद एवं रचना हेतु सम्मान।
इन पुरस्कारों से नेहा भंडारकर की साहित्यिक प्रतिष्ठा में और भी वृद्धि हुई।
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3. अनुवाद कार्य एवं अंतरराष्ट्रीय प्रकाशन
3.1 बहु-भाषी अनुवाद
नेहा ने अपनी कविताओं और कहानियों का अनुवाद निम्न भाषाओं में करवाया है:
यूरोपीय भाषाएँ: फ्रेंच, रूसी, इतालवी, अल्बानियाई, ग्रीक
एशियाई भाषाएँ: फिलिपिनो, नेपाली, ओडिया, बंगाली, असमिया, संस्कृत
विशेष लिपियाँ: ब्रेल
इन अनुवादों से उनके विचार और भावनाएँ विश्वभर के पाठकों तक पहुँचीं।
3.2 अंतर्राष्ट्रीय संकलन और पत्रिकाएँ
उनकी कविताएँ और कहानियाँ कई प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं, ई-मैगज़ीन एवं संकलनों में नियमित रूप से प्रकाशित होती हैं, जिससे उन्हें वैश्विक साहित्य मंडलियों में मान्यता मिली।
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4. शैक्षणिक मान्यता
4.1 अमरावती विश्वविद्यालय में समावेश
वर्ष 2024 में अमरावती विश्वविद्यालय द्वारा उनके साहित्य को बी.कॉम. प्रथम एवं तृतीय वर्ष के पाठ्यक्रम में शामिल किया गया। इस कदम ने उनके कार्य की शैक्षणिक दृष्टि से भी स्वीकृति स्थापित की है।
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5. रेडियो प्रसारण
5.1 अंतर्राष्ट्रीय प्रसारण
क्विहोत्ये रेडियो, फ्रांस: उनकी अनुदित कविताओं का फ्रेंच संस्करण प्रसारित हुआ।
हिंदी रेडियो, शिकागो (यूएसए): उनकी हिंदी कविताओं का प्रसारण किया गया।
इससे उनके काव्य-संचार को अन्तर्राष्ट्रीय मंच मिला।
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6. राजदूत स्तरीय भूमिका
6.1 शांति राजदूत
नेहा भंडारकर को ग्लोबल नेशन, बांग्लादेश द्वारा अंतरराष्ट्रीय शांति राजदूत नियुक्त किया गया, जहाँ वे साहित्य एवं कला के माध्यम से शांति संदेश प्रसारित करती हैं।
6.2 सांस्कृतिक राजदूत
इसी प्रकार, इंटरनेशनल फोरम ऑफ क्रिएटिविटी एंड ह्यूमैनिटी, मोरक्को ने उन्हें सांस्कृतिक राजदूत के रूप में चुना, जहाँ वे भारत की सांस्कृतिक विरासत एवं समकालीन रचनात्मकता को वैश्विक स्तर पर प्रस्तुत करती हैं।
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7. निष्कर्ष
नेहा भंडारकर का बहुआयामी साहित्यिक एवं सांस्कृतिक योगदान उन्हें न सिर्फ एक राष्ट्रीय बल्कि एक अंतर्राष्ट्रीय व्यक्तित्व बनाता है। उनकी बहुभाषीय रचनाएँ, व्यापक अनुवाद एवं विश्वविद्यालयीय मान्यता ने उन्हें समकालीन साहित्य की प्रमुख आकृति के रूप में स्थापित किया है। राजदूत के रूप में उनकी भूमिकाएँ उनके साहित्यिक आदर्शों को वैश्विक शांति और संस्कृति के क्षेत्र में भी विस्तार देती हैं।