‘हमारे प्रिय लेखक से मिलिए’ कार्यक्रम बहिघर–विद्याभारती परिसर में सम्पन्न

"कठिनाइयों और अभावों में पले-बढ़े लेखक ही कालजयी साहित्य के सच्चे सर्जक होते हैं," अतिथियों ने कहा।

May 17, 2025 - 18:07
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‘हमारे प्रिय लेखक से मिलिए’ कार्यक्रम बहिघर–विद्याभारती परिसर में सम्पन्न

बालेश्वर, 17/5 (कृष्ण कुमार महान्ति): यह भाव कि दुख, दरिद्रता और संघर्ष की गोद में पले लेखकों द्वारा ही स्थायी और प्रभावशाली साहित्य की सृष्टि होती है, ‘हमारे प्रिय लेखक से मिलिए’ नामक कार्यक्रम में प्रमुख रूप से व्यक्त किया गया। यह आयोजन ‘घर-घर बहिघर’ और ‘सालभर पुस्तक मेला’ जैसी सृजनात्मक साहित्यिक पहलों का हिस्सा था, जिसे बहिघर–विद्याभारती की ओर से आयोजित किया गया।

इस कार्यक्रम में प्रमुख साहित्यकारों की गरिमामयी उपस्थिति रही, जिनमें प्रसिद्ध बाल साहित्यिक पत्रिका शिशुलेखा के संपादक डॉ. डैश बेन्हुर, सुप्रसिद्ध कथाकार एवं केंद्रीय साहित्य अकादमी की ओड़िया भाषा सलाहकार समिति के संयोजक डॉ. गौरहरि दास, तथा प्रतिष्ठित निबंधकार प्रोफेसर अभिराम बिस्वाल शामिल थे।

यह कार्यक्रम 16 मई की दोपहर को विद्याभारती के निदेशक और कवि अभय दास की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ। समापन सत्र में आमंत्रित लेखकों — प्रताप कुमार नायक, भगवान दास, विजय दास अधिकारी, अरूपानंद पाणिग्राही, प्रतिमा पंडा, डॉ. वेणुमाधव शतपथी, डॉ. संतोष नायक और विद्याधर साहू — ने साहित्य से जुड़े विविध प्रश्नों का उत्तर देकर पाठकों व श्रोताओं से संवाद किया।

कार्यक्रम की शुरुआत कवि पूर्णचंद्र पंडा के स्वागत भाषण से हुई, जबकि आयोजन का सफल संचालन बहिघर की निदेशिका मंजुलता बल, देवाशीष पंडा, विद्याधर नायक और कवि जयन्त हंसराज ने किया।