क्षेत्रीय “ओडिशा विजन 2036 एवं विकसित भारत-विकसित ओडिशा 2047 परामर्श कार्यशाला” बालेश्वर में आयोजित

May 15, 2025 - 23:42
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क्षेत्रीय “ओडिशा विजन 2036 एवं विकसित भारत-विकसित ओडिशा 2047 परामर्श कार्यशाला” बालेश्वर में आयोजित

बालेश्वर, 15/05 (कृष्ण कुमार महांती): “ओडिशा विजन 2036 एवं विकसित भारत-विकसित ओडिशा 2047” पर केंद्रित क्षेत्रीय परामर्श कार्यशाला आज बालेश्वर के नोसी सभागार में आयोजित की गई।

कार्यशाला की मुख्य अतिथि ओडिशा की माननीय उपमुख्यमंत्री एवं महिला एवं बाल विकास, मिशन शक्ति तथा पर्यटन मंत्री श्रीमती प्रवती परिडा थीं। कार्यक्रम में बालेश्वर सांसद श्री प्रताप चंद्र सारंगी, भद्रक सांसद श्री अभिमन्यु सेठी, जाजपुर सांसद श्री रवीन्द्र नारायण बेहेरा, राज्य सरकार के उप मुख्य सचेतक एवं रेमुना विधायक श्री गोबिंद चंद्र दास, बालेश्वर सदर विधायक श्री मानस कुमार दत्ता, बस्ता विधायक श्रीमती सुभाषिनी जेना, नीलगिरी विधायक श्री संतोष खातुआ, सिमुलिया विधायक श्री पद्मलोचन पांडा, जिला परिषद अध्यक्ष श्री नारायण प्रधान तथा आवास एवं शहरी विकास विभाग की प्रमुख सचिव श्रीमती उषा पड्ढी सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

कार्यशाला की शुरुआत ज़िला परिषद की अतिरिक्त सीईओ डॉ. मधुस्मिता समंत्रय द्वारा अतिथियों के परिचय से हुई। बालेश्वर कलेक्टर श्री सूर्यवंशी मयूर विकास ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए ओडिशा विजन 2036 एवं विकसित भारत-विकसित ओडिशा 2047 पर उनके विचार आमंत्रित किए।

मुख्य भाषण में उपमुख्यमंत्री श्रीमती प्रवती परिडा ने ओडिशा के भाषाई आधार पर राज्य गठन के शताब्दी वर्ष 2036 तथा भारत की स्वतंत्रता के शताब्दी वर्ष 2047 के मद्देनज़र इस दृष्टिकोण की प्रासंगिकता को रेखांकित किया। उन्होंने 36 प्रमुख क्षेत्रों में दूरदर्शिता के साथ कार्य करने तथा अर्थपूर्ण विमर्श के माध्यम से ठोस समाधान निकालने की आवश्यकता बताई।

श्रीमती उषा पड्ढी ने राज्य की रणनीतिक प्राथमिकताओं पर विस्तार से चर्चा की—जैसे श्रमप्रधान उद्योगों को बढ़ावा देना, ओडिशा को निवेश का केंद्र बनाना, शहरीकरण को विकास इंजन के रूप में प्रयोग करना, आईटी/आईटीईएस पर बल देना, सिंचाई कवरेज बढ़ाना, सुशासन हेतु तकनीकी उपयोग, तथा पूर्वी भारत में ओडिशा को कौशल और शिक्षा का केंद्र बनाना।

सांसद श्री प्रताप चंद्र सारंगी ने भ्रष्टाचार उन्मूलन को विकसित ओडिशा एवं भारत की नींव बताया। सांसद श्री अभिमन्यु सेठी एवं श्री रवीन्द्र नारायण बेहेरा ने भी अपने विचार साझा किए।

कार्यशाला में तीन चरणों में विचार-विमर्श हुआ, जिसका संचालन कलेक्टर श्री सूर्यवंशी मयूर विकास, बालेश्वर सदर उप-कलेक्टर श्री प्रतमेश अरविंद राजेश्रीके, नीलगिरी उप-कलेक्टर श्रीमती सुभाश्री रथ, तथा जिला पर्यटन अधिकारी श्री अम्लान नायक ने किया।

उद्यमियों ने सिंगल-विंडो सिस्टम को अधिक प्रभावशाली बनाने पर बल दिया। धरोहर पर्यटन के तहत महारानी मृणालिका भांजा देव द्वारा स्टार होटलों में निवेश की चर्चा हुई। आदिवासी ज्ञान, कला, आयुर्वेद के एकीकरण, कृषि, मत्स्य पालन व बंदरगाहों के विकास पर पूर्व सांसद श्री रवीन्द्र कुमार जेना ने सुझाव दिए। ओलंपियन दुती चंद के संदर्भ में खेल अधोसंरचना के सुदृढ़ीकरण की बात भी उठी।

डीआईजी (ईस्टर्न रेंज) डॉ. सत्यजीत नायक एवं एसपी श्री राज प्रसाद ने पुलिसिंग के आधुनिकीकरण एवं साइबर सुरक्षा पर प्रकाश डाला। पीएक्सई एवं आईटीआर निदेशकों ने विज्ञान, अनुसंधान एवं नवाचार को आत्मनिर्भरता और राष्ट्रीय विकास का आधार बताया।

कार्यशाला का समापन कलेक्टर श्री सूर्यवंशी मयूर विकास के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।