ओड़िया सिनेमा में नवाचार की लहर: एंथोलॉजी फिल्म 'इंद्रधनु' के साथ नई शुरुआत

बालेश्वर | 18 जुलाई (कृष्ण कुमार मोहंती): ओड़िया फिल्म इंडस्ट्री एक रचनात्मक क्रांति की ओर अग्रसर है, जहां युवा निर्देशक अर्जुन सामंतराय की एंथोलॉजी फिल्म ‘इंद्रधनु’ 18 जुलाई को ओड़िशा भर में रिलीज़ हो चुकी है। बॉम्बे टॉकीज, लस्ट स्टोरीज़, लूडो और अजीब दास्तान्स जैसी सफल हिंदी एंथोलॉजीज़ से प्रेरित यह फिल्म समकालीन ओड़िया लेखकों की सात कहानियों को एक साथ लाकर एक नया सिनेमाई अनुभव देने का वादा करती है।
इस फिल्म का निर्देशन, छायांकन और संपादन स्वयं अर्जुन सामंतराय ने किया है, जो उनकी रचनात्मक दृष्टि और समर्पण को दर्शाता है।
कहानियों का लेखन निखिलेश मिश्रा, सरोज बाल और बादल मोहंती ने किया है। फिल्म का निर्माण राजेन्द्र मोहंता द्वारा और सह-निर्माण सुर्यस्नात त्रिपाठी ने किया है, वहीं सुरवी पटनायक ने निर्माण सहयोग प्रदान किया है।
प्रख्यात संगीतकार ओमप्रकाश मोहंती द्वारा दो शीर्षक गीतों की रचना की गई है, जिनके बोल देबदास छोटराय ने लिखे हैं और स्वर रतिकांत सतपथी व सुस्मिता दास ने दिए हैं। पृष्ठभूमि संगीत युवा संगीतकार अनुराग पटनायक ने तैयार किया है।
फिल्म में बिकाश दास, अभिषेक गिरी, दीपांविता दाशमोहोपात्र, भास्वती बसु, रमाकांत मिश्रा, स्मिता मोहंती, धारित्रि खंडुआल, सुधांश्री मधुस्मिता, रिंकु प्रधान, समर्पिता, सौम्य रंजन, दिशानी देबांजना, देबदत्त पति, निशिकांत, रनेश और सगात मोहंती जैसे प्रतिभावान कलाकार शामिल हैं।
निर्देशक अर्जुन सामंतराय ने कहा, “इंद्रधनु एक स्वाभाविक और गहराई से जुड़ी हुई ओड़िया फिल्म है, जो एक अलग शैली को प्रस्तुत करती है। इसमें मानवीय भावनाओं, रिश्तों, आत्ममंथन और विविध कहानी कहने के तरीकों का समावेश है।”
अब जब इंद्रधनु सिनेमाघरों में रिलीज़ हो चुकी है, दर्शकों की प्रतिक्रिया यह तय करेगी कि यह कलात्मक प्रयोग ओड़िया सिनेमा में नई राहें खोल पाएगा या नहीं।