फकीर मोहन विश्वविद्यालय के प्रोफेसर को मिला प्रतिष्ठित ICCR चेयर – एक ऐतिहासिक उपलब्धि

बालासोर, 16 जून 2025 (कृष्ण कुमार मोहंती) ओडिशा के शैक्षणिक गौरव में एक और सुनहरा अध्याय जुड़ गया है। फकीर मोहन विश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर अनिल कुमार मोहापात्र को वर्ष 2025 के लिए इंडियन काउंसिल फॉर कल्चरल रिलेशंस (ICCR) द्वारा “इंडियन चेयर अब्रॉड” के रूप में चुना गया है—एक ऐसी प्रतिष्ठा जो पूरे देश में बहुत ही सीमित विश्वविद्यालयों को ही मिलती है।
यह प्रतिष्ठित पद, जो विदेश मंत्रालय के तत्वाधान में संचालित होता है, प्रोफ़. मोहापात्र को भारत का सांस्कृतिक और शैक्षणिक राजदूत नियुक्त करता है, काठमांडू के ट्रिभुवन यूनिवर्सिटी के “सेंटर फॉर नेपाल और एशियन स्टडीज़” में। वे ओडिशा के किसी भी विश्वविद्यालय के पहले ऐसे शिक्षाविद हैं जिन्होंने यह सम्मान प्राप्त किया है—यह राज्य के उच्च शिक्षा परिदृश्य में एक ऐतिहासिक क्षण है।
ICCR चेयर्स 32 देशों के 47 विश्वविद्यालयों में MoU के तहत स्थापित किए गए हैं—ये ऐसे प्रमुख पद हैं जिनका उद्देश्य ज्ञान और संस्कृति के सेतु निर्माण का होता है। चयन प्रक्रिया बेहद प्रतिस्पर्धात्मक होती है, जिसमें केवल चुनिंदा विद्वान ही सालाना “Scholar-in-Residence” बनकर भारत का प्रतिनिधित्व करते हैं।
प्रो. मोहापात्र की यह उपलब्धि अचानक नहीं आई है। उन्होंने पहले ब्रिटिश काउंसिल और जर्मनी (Baden-Württemberg) की प्रतिष्ठित फैलोशिप्स प्राप्त की हैं, जिनके अंतर्गत उन्होंने 2012 में University of Oxford और 2013 में University of Heidelberg में शोध कार्य किया । फैकीर मोहन विश्वविद्यालय से पहले वे उत्कल विश्वविद्यालय, बहरामपुर विश्वविद्यालय, IIT भुवनेश्वर और नॉर्थ बंगाल विश्वविद्यालय में अतिथि व अनुषांगिक संकाय सदस्य के रूप में कार्यरत रहे ।
घोषणा के बाद, फकीर मोहन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. संतोष कुमार त्रिपाठी ने इसे संस्था और राज्य दोनों के लिए गर्व की बात बताया। ओडिशा विधानसभा के अध्यक्ष सुरमा पाध्य सहित कई प्रतिष्ठित शिक्षाविदों एवं समाजसेवियों—प्रो. शिबा प्रसाद अधिकारी, प्रो. मधुमिता दास, प्रो. बिनायक रथ, प्रो. दीपक कुमार बेहेरा, और प्रो. ब्योमकेश त्रिपाठी—ने भी अपनी बधाइयाँ दी हैं।
⭐ संक्षेप में:
Prof. Anil Kumar Mohapatra को ICCR द्वारा “Indian Chair Abroad” सम्मान मिला।
वे ओडिशा के पहले विद्वान हैं जिन्हें यह सम्मान प्राप्त हुआ।
ICCR चेयर 32 देशों में 47 विश्वविद्यालयों के साथ सांस्कृतिक एवं शैक्षणिक आदान‑प्रदान को प्रोत्साहित करता है।
प्रो. मोहापात्र ने Oxford और Heidelberg में रिसर्च फैलोशिप का लाभ उठाया है।
यह उपलब्धि न सिर्फ प्रो. मोहापात्र की व्यक्तिगत सफलता है, बल्कि ओडिशा के शैक्षणिक समुदाय के लिए भी एक वैश्विक मंच की शुरुआत है, जो फकीर मोहन विश्वविद्यालय और राज्य को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाएगी।