ऋतुस्राव स्वच्छता जागरूकता अभियान: 'चलो पीरियड्स पर बात करें'
28 मई को मनाया गया विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस

बालेश्वर, 28/5: (कृष्ण कुमार महांति)
मासिक धर्म या पीरियड्स किशोरियों और महिलाओं के जीवन की एक प्राकृतिक और सामान्य प्रक्रिया है। इसके बावजूद आज भी महिलाओं में इसे लेकर शर्म और संकोच बना हुआ है। कई जगहों पर वे घर के भीतर भेदभाव और समाज व कार्यस्थलों पर कई प्रकार की बंदिशों का सामना करती हैं। इसी पृष्ठभूमि में डिजिटल मीडिया के माध्यम से व्यापक जागरूकता फैलाने हेतु एक विशेष अभियान चलाया जा रहा है—'चलो पीरियड्स पर बात करें'।
हर साल 28 मई को ‘विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष की थीम है—"टुगेदर फॉर अ पीरियड-फ्रेंडली वर्ल्ड"। इस अवसर पर IFAI फाउंडेशन, स्वास्थ्यप्लस और 'ओड़िशालाइव' की ओर से लगातार तीसरे वर्ष यह संयुक्त अभियान चलाया जा रहा है। 20 मई से शुरू होकर यह कार्यक्रम 29 मई तक चलेगा।
इस अभियान के अंतर्गत मासिक धर्म जैसे संवेदनशील विषय पर डॉक्टरों के साक्षात्कार पर आधारित वीडियो श्रृंखला को सोशल मीडिया पर प्रसारित किया जा रहा है। साथ ही, इस विषय पर प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ता, सेलिब्रिटी और युवाओं की राय और अनुभवों को भी महत्व दिया जा रहा है। विशेष रूप से, पहले मासिक धर्म (मेनार्के) से लेकर आखिरी मासिक धर्म (मेनोपॉज) तक महिला जीवन की विभिन्न अवस्थाओं को लेकर जागरूकता का संदेश दिया जा रहा है।
अभियान के तहत प्रसारित विषयों में शामिल हैं—मासिक धर्म क्या है और क्यों होता है, स्वच्छता का प्रबंधन, इससे जुड़ी स्वास्थ्य समस्याएं और उनका समाधान, तथा अंधविश्वासों से मुकाबला। साथ ही, सैनिटरी पैड से लेकर पर्यावरण अनुकूल पीरियड कप और टैम्पून जैसे आधुनिक मासिक धर्म उत्पादों की जानकारी भी दी जा रही है।
स्वास्थ्यप्लस नेटवर्क के CEO और अभियान निदेशक सिद्धार्थ रथ ने कहा,
"मासिक धर्म स्वच्छता को आज दुनियाभर में प्राथमिकता दी जा रही है। इसे लेकर नीतियां और कार्यक्रम बनाए जा रहे हैं। मासिक धर्म किसी महिला के सपनों और तरक्की में बाधा न बने, इसके लिए व्यापक जागरूकता फैलाने का समय आ गया है। इसीलिए IFAI फाउंडेशन की ओर से यह डिजिटल अभियान संचालित किया जा रहा है।"
IFAI फाउंडेशन इस अभियान के साथ विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस को संचालित करने वाले अंतरराष्ट्रीय संगठन की आधिकारिक भागीदार संस्था के रूप में जुड़ी है। वरिष्ठ पत्रकार और संचार विशेषज्ञ नीलांबर रथ इस अभियान के अध्यक्ष हैं।
इस वर्ष कलिंगा हॉस्पिटल, भुवनेश्वर और पारादीप फॉस्फेट्स लिमिटेड अभियान के एसोसिएट पार्टनर हैं।
पिछले कुछ दशकों में शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य सामाजिक क्षेत्रों में महिलाओं के लिए अनेक अवसर बने हैं, लेकिन चिंता का विषय यह है कि आज भी दुनिया भर की लगभग 50 करोड़ से अधिक किशोरियों और महिलाओं को मासिक धर्म स्वास्थ्य से जुड़ी आवश्यक जानकारी, उत्पाद और स्वच्छता सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं।
खासकर आर्थिक समस्याएं, पुरानी सामाजिक मान्यताओं का प्रभाव और मासिक धर्म शिक्षा की कमी इसके प्रमुख कारण हैं। इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए IFAI फाउंडेशन, ओड़िशालाइव और स्वास्थ्यप्लस की ओर से यह संयुक्त डिजिटल अभियान प्रतिवर्ष आयोजित किया जाता है।