फकीर मोहन विश्वविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया

“योग न केवल शारीरिक और मानसिक संतुलन को बढ़ाता है, बल्कि व्यक्तित्व का भी निर्माण करता है” – कुलपति

Jun 21, 2025 - 21:05
Jun 21, 2025 - 21:06
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फकीर मोहन विश्वविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया

बालेश्वर, 21/6 (कृष्ण कुमार महान्ती): फकीर मोहन विश्वविद्यालय, नुआपढ़ी परिसर में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025 को गरिमामय और उत्साहपूर्ण वातावरण में मनाया गया। यह आयोजन कुलपति प्रो. संतोष कुमार त्रिपाठी के मार्गदर्शन एवं नेतृत्व में संपन्न हुआ। कार्यक्रम का आयोजन संस्कृत विभाग और एनएसएस द्वारा संयुक्त रूप से किया गया, जिसे इंडियन काउंसिल ऑफ फिलॉसॉफिकल रिसर्च (ICPR), नई दिल्ली का सहयोग प्राप्त था।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय के शिक्षकों, गैर-शिक्षण कर्मचारियों और छात्रों के लिए एक विशेष योग प्रशिक्षण सत्र आयोजित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में महाराजा श्रीराम चंद्र भंजदेव विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. प्रफुल्ल कुमार मिश्र तथा प्रमुख योग प्रशिक्षक के रूप में विश्वभारती, शांतिनिकेतन के पूर्व प्रोफेसर प्रो. जगत राम भट्टाचार्य की गरिमामयी उपस्थिति रही। दोनों अतिथियों ने योग और ध्यान की महत्ता पर विस्तृत जानकारी दी।

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इस वर्ष के आयोजन की थीम “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य: योग संगम” पर आधारित एक दिवसीय संगोष्ठी भी आयोजित की गई। अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. त्रिपाठी ने छात्र जीवन में योग की अनिवार्यता पर जोर देते हुए कहा कि नियमित योगाभ्यास से एकाग्रता बढ़ती है और संतुलित व समृद्ध जीवन की नींव रखी जाती है।

स्नातकोत्तर परिषद के अध्यक्ष प्रो. भास्कर बेहेरा ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किया। प्रो. प्रफुल्ल कुमार मिश्र ने “श्रीमद्भगवद्गीता के आलोक में योग का महत्व” विषय पर एक गहन व्याख्यान दिया, जबकि प्रो. जगत राम भट्टाचार्य ने “जैन परंपरा और भारतीय योग दर्शन के बीच संबंध” विषय पर प्रकाश डाला। पंजाब विश्वविद्यालय, होशियारपुर से आए संस्कृत विभाग के प्रो. सुधांशु कुमार शरणगी ने “प्रमुख योग उपनिषदों में प्रमाणित योग सिद्धांत” विषय पर एक विद्वतापूर्ण व्याख्यान दिया।

एनएसएस कार्यक्रम समन्वयक डॉ. अमूल्य कुमार आचार्य ने योग प्रशिक्षण सत्र का संचालन किया, जबकि संगोष्ठी की रूपरेखा का संयोजन प्रो. देबाशीष पात्र ने किया। एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी डॉ. प्रतिमा प्रधान ने कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतिभागियों के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय समुदाय के सामूहिक प्रयास से यह आयोजन अत्यंत सफल और प्रेरणादायी रहा।