बालेश्वर में पारंपरिक 'जउ कंढेई' विवाह उत्सव धूमधाम से संपन्न

* प्रतीकात्मक दंपति ‘अपर्ती’ और ‘गुरेई’ का लग्नधारणा संस्कार सम्पन्न * 22 मई को मंगळान, 23 मई को होगा विवाह समारोह

May 12, 2025 - 20:43
May 12, 2025 - 21:15
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बालेश्वर में पारंपरिक 'जउ कंढेई' विवाह उत्सव धूमधाम से संपन्न

बालेश्वर | १२ मई: (रिपोर्ट: कृष्ण कुमार महांति) — चंदन पूर्णिमा के पावन अवसर पर ओडिशा की लोक परंपरा में विशिष्ट स्थान रखने वाला 'जउ कण्ढेई विवाह उत्सव' का लग्नधारा अनुष्ठान आज बालेश्वर शहर के आनंदबाजार स्थित लोकनाथ मंदिर में परंपरागत भव्यता और श्रद्धा के साथ संपन्न हुआ।

फकीर मोहन कॉलेज रोड स्थित सिद्धि विनायक मंदिर से बारात की प्रतीकात्मक यात्रा आरंभ हुई, जहाँ वर के पिता पितांबर दास और माता सुकांतीलता दास ने विवाह समिति के अन्य सदस्यों के साथ पूजा-अर्चना की। इस अवसर पर कार्यकारी अध्यक्ष उपेन्द्र नाथ पात्र, सचिव डॉ. कुमार गोपाल, मुख्य सलाहकार एवं कलाकार केशु दास, अभियंता हृषिकेश साहू, कालिकिंकर दास, ब्रह्मनाथ रथ, पत्रकार बिप्लव महांति, गोपाल जेना, चंद्रशेखर महापात्र, राजेश गिरी, जयश्री साहू, अंजलि पंडा, धरित्री मिश्रा, रचना सेन, कनकलता दास सहित ‘हस परिवार’ के अनेक सदस्य समारोह में सम्मिलित हुए।

वर पक्ष जब लोकनाथ मंदिर पहुँचा, तब कन्या के पिता नीलमणि मंडल, माता उमामणि महारणा, एवं स्थानीय पार्षदों—शंभु सिंह, भगवान मोहिनी, शरत दलाइ, अनिरुद्ध परिड़ा, नमिता परिड़ा आदि ने पारंपरिक स्वागत किया। पुष्प, चंदन, शंख, और हुलहुली की ध्वनि से वातावरण भक्ति-रस में रंग उठा।

इस वर्ष भी प्रसिद्ध ओड़िया लेखक प्राणबन्धु कर की कालजयी कहानी 'सुआ मुंहरा पतरा' के नायक-नायिका 'अपर्त्ती' और 'गुरेई' को प्रतीकात्मक वर-वधू के रूप में चुना गया। इस साहित्यिक परंपरा के माध्यम से यह आयोजन केवल एक ग्रामीण अनुष्ठान न रहकर ओड़िया लोककथा की सामाजिक और भावनात्मक चेतना का उत्सव बन गया।

लग्नधारा विधि पंडित विमल पंडा, लोकनाथ मंदिर के पुजारी विश्वनाथ मिश्र तथा बारिक संघ के संपादक विमल बारिक द्वारा विधिवत् संपन्न की गई। इस रस्म में कन्या पक्ष ने दहेज के रूप में सौ ताड़ के पेड़ लगाने और रक्तदान शिविर आयोजित करने का वचन दिया, वहीं वर पक्ष ने समुद्रतट की सफाई और गरीब कन्याओं के दहेजरहित विवाह कराने का संकल्प लिया।

यह उत्सव २२ मई को मंगलान, २३ मई को विवाह एवं २२ से २६ मई तक मिशन स्कूल परिसर में मेला, हस्‍तशिल्प प्रदर्शनी, लोकनृत्य, गीत-संगीत, सत्र, विमोचन आदि सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ जारी रहेगा।

समारोह में बालेश्वर के अनेक गणमान्य जन उपस्थित रहे।