'रूपायन’ द्वारा विश्व मातृ दिवस का आयोजन: "माँ के त्याग और तप की ताकत से ही संसार टिका है" – अतिथि वक्ता

May 12, 2025 - 20:38
May 12, 2025 - 20:39
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'रूपायन’ द्वारा विश्व मातृ दिवस का आयोजन: "माँ के त्याग और तप की ताकत से ही संसार टिका है" – अतिथि वक्ता

बालेश्वर, 11.5 (कृष्ण कुमार महांति): माँ केवल पालनकर्ता नहीं होतीं; अपने त्याग और सहनशीलता से वे संसार को शिक्षित और सुसंस्कृत बनाती हैं। माँ केवल देती है—कभी कुछ लेने की अपेक्षा नहीं रखती। अंतिम साँस तक वह केवल अपने संतानों की मंगल-कामना ही करती है। जहाँ भी मातृत्व का सम्मान होता है, वहाँ दिव्यता का वास माना जाता है। विश्व की जितनी भी महान सभ्यताएँ बनी हैं या टिक सकी हैं, उनके मूल में मातृत्व की विशेष भूमिका रही है। ये भावनाएँ सामाजिक-सांस्कृतिक संस्था ‘रूपायन’ द्वारा आयोजित विश्व मातृ दिवस समारोह में विशिष्ट अतिथियों और सम्मानित माताओं द्वारा अभिव्यक्त की गईं।

यह कार्यक्रम 11 तारीख की अपराह्न में 'बहीघर–विद्याभारती' सभागार में आयोजित हुआ, जिसकी अध्यक्षता कवि अभय दास ने की और ‘रूपायन’ की सचिव श्रद्धांजलि राय ने इसका संयोजन किया।

प्रसिद्ध उद्यमी एवं कवयित्री बसंती पानी, बालेश्वर जिला परिषद (ज़ोन 31) की पूर्व सदस्य जयंती मिश्रा, और समाजसेविका प्रणिता मिश्रा को "वंदनिया माँ" के रूप में सम्मानित किया गया।

मुख्य वक्ता डॉ. राधारंजन पटनायक के साथ-साथ पूर्णचंद्र पंडा, मंजुलता बल, प्रोफेसर डॉ. प्रदीप्त मिश्रा, समाजसेवी जदनेश मिश्रा, विजय दास अधिकारी, और मधुसूदन मिश्रा जैसे प्रमुख वक्ताओं ने मातृ दिवस के महत्व पर अपने विचार रखे।

कार्यक्रम का समापन देबाशीष पंडा द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।