बालासोर में जऊ कंढेई (लाख की गुड़िया) का पारंपरिक वैदिक विवाह समारोह

* वर कंढेई 'अपरटी' ने वधू कंढेई 'गुरेई' का हाथ थामा प्रतीकात्मक विवाह में

May 25, 2025 - 00:31
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बालासोर में जऊ कंढेई (लाख की गुड़िया) का पारंपरिक वैदिक विवाह समारोह

बालासोर, 24/5 (कृष्ण कुमार मोहंती): बालासोर की लोक परंपरा का भव्य उत्सव जऊ कंढेई (लाख की गुड़िया) विवाह समारोह कल पवित्र लोकनाथ मंदिर, सहदेवखुंटा में वैदिक रीति-रिवाज़ों के साथ संपन्न हुआ।

यह अनोखा आयोजन प्रसिद्ध ओड़िया कहानी ‘सुआ मुहारे पातार’ के मुख्य पात्र अपरटी और गुरेई के प्रतीकात्मक मिलन को पुनः सजीव करता है। विवाह यात्रा का शुभारंभ शहर के मध्य स्थित मिशन हाई स्कूल के प्रांगण से हुआ, जिसमें सैकड़ों ‘बराती’ सम्मिलित हुए।

पूरे शहर की गलियाँ लोक कला की ध्वनि और रंगीन रोशनी से जीवंत हो उठीं। शोभायात्रा में पारंपरिक कलाओं का अद्भुत संगम देखने को मिला—पुरी की ‘सहियता’ (ओडिशा सरकार के संस्कृति विभाग द्वारा प्रायोजित), बालासोर की रंग ढोल, डुबलगढ़ की पितुला नृत्य, माणिखंबा की पाइका अखाड़ा, भद्रक की लौड़ी और नीलगिरि के जनजातीय कलाकार शामिल थे। लगभग 7 किलोमीटर लंबे इस मार्ग पर सामाजिक और धार्मिक भेदभाव भूलकर नगरवासियों ने बरातियों का हर्षोल्लास के साथ स्वागत किया।

जऊ कंढेई (लाख की गुड़िया) उत्सव समिति के प्रमुख सदस्य—उपेन्द्र नाथ पात्र, विप्लव कुमार मोहंती, रघुनाथ लेंका, केशुदास, राजेश गिरि, कालिकिंकर दास, हृषीकेश साहू, ब्रह्मनाथ रथ, व्योमनाथ रथ, परेश दास, गौरांग पाणिग्रही, गोपाल जेना, मानसविनी देवी, धारित्री मिश्रा, सौभागिनी मिश्रा, अनिंदिता आचार्य, अर्चना, अनीता रथ, लिपि दास महापात्र, कनकलता दास, रचना सेन, मिनती सेठी और अन्य गणमान्य लोग शामिल हुए। इस अनोखे विवाह में कई मंत्री, विधायक, सांसद, पत्रकार, बुद्धिजीवी और समाजसेवी भी उपस्थित थे।

विवाह विधि वर पक्ष से पुरोहित बिमल पंडा और वधू पक्ष से पंडित विश्वंभर मिश्र एवं बारिक बिमल बारिक ने संपन्न कराई। गुरेई का प्रतीकात्मक "कन्यादान" नीलमणि मंडल और उमामणि महाना द्वारा किया गया, जबकि अपरटी के प्रतीकात्मक माता-पिता पिताम्बर दास और सुकान्ति लता दास नवदम्पति को लेकर शोभायात्रा के साथ क्रिश्चियन हाई स्कूल पहुँचे।

प्रस्थान से पूर्व क्रिश्चियन हाई स्कूल परिसर में उत्सव समिति की उपाध्यक्ष श्रीमती अंजलि पंडा की अध्यक्षता में एक सभा हुई, जिसमें सेवानिवृत्त प्रशासनिक अधिकारी धनंजय स्वैन मुख्य अतिथि और सुप्रसिद्ध लेखक व शिक्षाविद प्रो. हरिहर पंडा मुख्य वक्ता थे। उन्होंने बालासोर की लोक-संस्कृति को ओडिशा की सांस्कृतिक धरोहर का अनमोल हिस्सा बताया।

विशेष अतिथियों में प्रजापिता ईश्वरीय ब्रह्मकुमारी विश्वविद्यालय की बी. मिनती, नायिका थिएटर की निदेशिका स्मिता राणा, और अखिल भारतीय मारवाड़ी महिला सम्मेलन की अध्यक्ष मंजू सेरोगी ने आयोजन की भूरी-भूरी प्रशंसा की।

इस अवसर का संचालन धारित्री मिश्रा ने किया, अतिथि परिचय रचना सेन द्वारा और धन्यवाद ज्ञापन मिनती सेठी द्वारा प्रस्तुत किया गया। शाम को नोसी सांस्कृतिक अकादमी, कैलाश नृत्य दल, और संबलपुरी नृत्य समूह की मनमोहक प्रस्तुतियों ने समा बाँध दिया।

यह आयोजन न केवल क्षेत्रीय सांस्कृतिक चेतना का उत्सव था, बल्कि यह लोक परंपराओं की आज की दुनिया में प्रासंगिकता का भी जीता-जागता उदाहरण बन गया।