शांतिकानन में मनाई गई कवि ब्रजनाथ रथ की पुण्यतिथि
* “ब्रजनाथ रथ एक अद्वितीय मानवतावादी कवि थे,”— अतिथियों ने कहा।

बालेश्वर, 16 (कृष्ण कुमार महांती): फकीर मोहन साहित्य परिषद (एफएमएसपी) द्वारा ओड़िया आधुनिक कविता के प्रतिष्ठित कवि डॉ. ब्रजनाथ रथ की 11वीं पुण्यतिथि शांतिकानन प्रांगण स्थित सभागार में श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाई गई। इस अवसर की अध्यक्षता परिषद के अध्यक्ष डॉ. सुभाष चंद्र पात्र ने की।
मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिष्ठित विद्वान और शिक्षाविद डॉ. प्रह्लाद चरण महांती उपस्थित रहे। भाषा और साहित्य के जाने-माने शोधकर्ता डॉ. शिरीष चंद्र जेना मुख्य वक्ता थे, जबकि सुप्रसिद्ध कवि कालिकिंकर दास सम्माननीय अतिथि के रूप में शामिल हुए।
दिवंगत कवि को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए वक्ताओं ने उनके जीवन और साहित्यिक योगदान पर प्रकाश डाला और कहा कि ब्रजनाथ रथ का सृजनशील जीवन आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत बना रहेगा। उन्हें एक करुणामय और अद्वितीय मानवतावादी कवि के रूप में याद किया गया, जिनकी स्मृति ओड़िया साहित्य की सामूहिक चेतना में सदा जीवित रहेगी।
अपने अध्यक्षीय भाषण में डॉ. पात्र ने रथ की कविताओं की उच्च कोटि की काव्यात्मकता, छंदात्मक माधुर्य और मानवीय संवेदना की सराहना की। परिषद के सचिव डॉ. रत्नाकर सिंह ने अतिथियों का परिचय देते हुए रथ के ओड़िया साहित्य में योगदान पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम की शुरुआत विभिन्न विद्यालयों, महाविद्यालयों और फकीर मोहन विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं और शिक्षकों द्वारा कवि रथ की कविताओं के पाठ से हुई। उन्होंने कवि की कई मूल और अनूदित रचनाओं का सजीव और भावपूर्ण पाठ किया। परिषद की ओर से सभी प्रतिभागियों को सम्मान पत्र प्रदान किए गए।
इस अवसर पर कवि रथ के परिजनों में पुत्र व्योमनाथ रथ, पुत्रवधू अनिता रथ, छोटी पुत्री ओजस्विनी मिश्रा, और जंवाई डॉ. मृत्युंजय मिश्रा उपस्थित थे। साथ ही कई कवि, साहित्यकार, बुद्धिजीवी और छात्र-छात्राएं भी कार्यक्रम में शामिल हुए। कार्यक्रम के अंत में कवि की ज्येष्ठ पुत्री, कवयित्री मन्स्विनी देवी ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया।