फकीर मोहन विश्वविद्यालय में आयोजित हुआ पाँचवाँ वार्षिक पूर्ववर्ती छात्र सम्मेलन

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बालेश्वर, 9/7 (कृष्ण कुमार महांति):
फकीर मोहन विश्वविद्यालय के पूर्ववर्ती छात्र संघ द्वारा आयोजित “पाँचवाँ वार्षिक मेगा एलुमनी सम्मेलन–2025” विश्वविद्यालय परिसर में भव्यता और उत्साह के साथ संपन्न हुआ। इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य पूर्व छात्रों के साथ एक सशक्त संबंध स्थापित करना और ज्ञान, अनुभव एवं साधना के आदान-प्रदान के लिए एक मंच तैयार करना था।
इस कार्यक्रम का उद्घाटन कुलपति प्रो. संतोष कुमार त्रिपाठी के नेतृत्व में हुआ। “एक छात्र ~ एक पुस्तक” अभियान के अंतर्गत विश्वविद्यालय के केंद्रीय पुस्तकालय में एक ‘एलुमनी पुस्तकालय’ की स्थापना की गई। पूर्व छात्रों ने उत्साहपूर्वक पुस्तकें दान कर इस पहल को सफल बनाया। यह एक सराहनीय प्रयास था जो विश्वविद्यालय की ज्ञान संपदा को समृद्ध और सुलभ बनाने की दिशा में एक ठोस कदम है।
कुलपति प्रो. त्रिपाठी की अध्यक्षता में आयोजित इस सम्मेलन में आईटीआर-डीआरडीओ के अतिरिक्त निदेशक एवं प्रतिष्ठित वैज्ञानिक डॉ. नीलाद्रि राय मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। अपने प्रेरणादायक संबोधन में उन्होंने पूर्व छात्रों की जिम्मेदारियों और दायित्वों पर महत्वपूर्ण विचार साझा किए।
अपने संबोधन में कुलपति ने विश्वविद्यालय के बौद्धिक और आर्थिक विकास में पूर्व छात्रों के निरंतर योगदान को रेखांकित किया। उन्होंने पूर्ववर्ती छात्र संघ को विश्वविद्यालय का “तीसरा स्तंभ” करार दिया।
इस अवसर पर अन्य प्रमुख अतिथियों में पीजी काउंसिल के अध्यक्ष प्रो. भास्कर बेहेरा, कुलसचिव सुश्री कुकुमीना दास, एलुमनी संघ के अध्यक्ष डॉ. चौधुरी सत्यव्रत नंदा और सचिव डॉ. देवदत्त दास प्रमुख रूप से उपस्थित थे। सभी ने अपने विचार साझा किए और सम्मेलन की सफलता की कामना की।
सम्मेलन का एक विशेष आकर्षण “ब्यासी प्रज्ञा” नामक एलुमनी न्यूज़लेटर का विमोचन था। इसके साथ ही 27 विशिष्ट पूर्व छात्रों को उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए सम्मानपत्र और स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम के सांस्कृतिक खंड में ओड़िसी नृत्य और भजन की प्रस्तुति ने सम्मेलन को एक सांस्कृतिक उत्सव का स्वरूप प्रदान किया। मंच संचालन डॉ. मिनती मिश्रा, एलुमनी संघ की उपाध्यक्ष ने किया और धन्यवाद ज्ञापन संयुक्त सचिव डॉ. जगन्नाथ बेहेरा ने प्रस्तुत किया।
गौरतलब है कि विश्वविद्यालय के 27वें स्थापना दिवस (11 जुलाई) से पहले छात्रों के बीच चित्रांकन और वक्तृत्व प्रतियोगिताएं आयोजित की गई थीं। इसके अलावा कुलपति प्रो. त्रिपाठी के मार्गदर्शन में पुराने परिसर से नुआपाठी परिसर तक एक साइकिल रैली का आयोजन किया गया, जिसमें 100 से अधिक शिक्षक, कर्मचारी और छात्र-छात्राएं शामिल हुए। इस रैली के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण, शारीरिक-मानसिक स्वास्थ्य और अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर जनजागरूकता का संदेश दिया गया।