फकीर मोहन विश्वविद्यालय का 27वाँ स्थापना दिवस मनाया गया: प्रख्यात भारतीय लेखिका अरूपा पाटंगिया कालिता को फकीर मोहन राष्ट्रीय साहित्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया

Jul 11, 2025 - 22:30
Jul 11, 2025 - 22:30
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फकीर मोहन विश्वविद्यालय का 27वाँ स्थापना दिवस मनाया गया: प्रख्यात भारतीय लेखिका अरूपा पाटंगिया कालिता को फकीर मोहन राष्ट्रीय साहित्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया

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बालेश्वर, 11/07 (कृष्ण कुमार महांति):
फकीर मोहन विश्वविद्यालय का 27वाँ स्थापना दिवस समारोह आज गरिमामयी वातावरण में मनाया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में बालेश्वर के सांसद श्री प्रताप चंद्र षड़ंगी उपस्थित रहे। उन्होंने विश्वविद्यालय की संघर्षमयी यात्रा और वर्तमान प्रगति पर प्रकाश डालते हुए छात्र जीवन की विशेषताओं पर विद्यार्थियों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि ज्ञान अर्जन को राष्ट्र निर्माण और देश के विकास में उपयोग करना आवश्यक है और यह विद्यार्थियों का एक पूर्ण नागरिक दायित्व भी है।

श्री षड़ंगी ने कहा कि शिक्षा का प्रमुख उद्देश्य चरित्र निर्माण और संस्कारित नागरिकों का निर्माण है, जिससे एक सशक्त राष्ट्र का निर्माण संभव हो सकता है।

इस अवसर पर प्रतिष्ठित भारतीय लेखिका प्रोफेसर अरूपा पाटंगिया कालिता को वर्ष 2025 का फकीर मोहन राष्ट्रीय साहित्य पुरस्कार प्रदान किया गया। यह सम्मान उन्हें भाषा और साहित्य के क्षेत्र में उनके समग्र योगदान के लिए दिया गया।

समारोह की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. संतोष कुमार त्रिपाठी ने की। प्रो. कालिता ने मुख्य वक्ता के रूप में अपने संबोधन में फकीर मोहन सेनापति को आधुनिक ओडिशा का निर्माता बताते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और उनकी कालजयी रचनाओं पर प्रकाश डाला। साथ ही उन्होंने अपनी रचनाओं के मूल दर्शन और उद्देश्य पर भी विचार साझा किए।

इसे पहले यह सम्मान माधव कौशिक, यू. आर. अनंतमूर्ति, पेरूमल मुरुगन और अलका सरागोई को भी प्रदान किया जा चुका है। प्रो. कालिता को यह सम्मान विश्वविद्यालय की ओर से प्रशस्ति पत्र और एक लाख रुपये की पुरस्कार राशि के रूप में प्रदान किया गया।

कुलपति प्रो. त्रिपाठी ने अपने उद्बोधन में विश्वविद्यालय की भविष्य की योजनाओं और विकासात्मक कार्यों की जानकारी दी और कहा कि सभी के सामूहिक सहयोग से विश्वविद्यालय ने 27 वर्षों में एक अर्थपूर्ण बदलाव हासिल किया है।

स्थापना दिवस पर आयोजित विविध कार्यक्रमों के अंतर्गत साहित्य, संस्कृति, खेल, भाषा और शोध को केंद्र में रखकर समारोह आयोजित किया गया।

इस अवसर पर "व्यास गौरव सम्मान–2025" से विशिष्ट लेखकों श्री अरुण कुमार पात्र और श्री सुशील कुमार दत्त को सम्मानित किया गया, जबकि युवा कहानीकार श्री दिलेश्वर राणा को फकीर मोहन विश्वविद्यालय युवा गल्पिक पुरस्कार–2025 से नवाजा गया।

इसके साथ ही, "मनोज नवप्रतिभा कथा पुरस्कार–2025", जो "मनोजायन" संस्था द्वारा प्रदान किया जाता है, देबव्रत मल्लिक (कॉलेज ऑफ टीचर्स एजुकेशन) को प्रदान किया गया।

कविता लेखन को प्रोत्साहित करने हेतु बबुल कुमार कबी को "जयंत महापात्र कविता पुरस्कार–2025" प्रदान किया गया, जो प्रतिवर्ष "दी ओडिशा एसोसिएशन फॉर इंग्लिश स्टडीज" द्वारा प्रायोजित किया जाता है।

राष्ट्र सेवा योजना (NSS) में अनुकरणीय कार्य करने वाले चार कार्यक्रम अधिकारियों और चार स्वयंसेवकों को भी विशेष पुरस्कार प्रदान किए गए।

सम्मानित लेखकों श्री अरुण कुमार पात्र, श्री सुशील कुमार दत्त और श्री दिलेश्वर राणा ने संक्षेप में अपने लेखक जीवन और अनुभवों को साझा कर दर्शकों को अभिभूत किया।

कार्यक्रम में विश्वविद्यालय द्वारा प्रकाशित "पुनश्च बोधदायिनी" पत्रिका और लघु पुस्तिकाओं का लोकार्पण भी किया गया। विश्वविद्यालय स्तर पर आयोजित वॉलीबॉल टूर्नामेंट में विजेता रही फकीर मोहन विश्वविद्यालय की टीम को ट्रॉफी और पुरस्कार प्रदान किए गए, वहीं उपविजेता ब्रहमपुर विश्वविद्यालय टीम और अन्य प्रतियोगियों को भी सम्मानित किया गया।

स्थापना दिवस के अवसर पर एक रक्तदान शिविर का आयोजन कर 60 यूनिट रक्त संकलित किया गया।

कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के सभी शिक्षक-शिक्षिकाएँ, कर्मचारी, छात्र-छात्राएँ, फकीर मोहन साहित्य संसद, मनोजायन संस्था, तथा दी ओडिशा एसोसिएशन फॉर इंग्लिश स्टडीज के सदस्यगण और अनेक गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।

कार्यक्रम का संचालन प्रो. (डा.) राजश्री दत्त और प्रो. (डा.) जयंता कुमार दास ने किया, अतिथि परिचय और स्वागत वक्तव्य प्रो. भास्कर बेहरा ने दिया, कुलसचिव कुकुमीना दास ने वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया और अंत में प्रो. पवित्रमोहन नायक ने धन्यवाद ज्ञापन दिया।