विधानसभा में बस्ता विधायक सुबासिनी जेना ने ड्रॉपआउट मुद्दा उठाया
* 300 विद्यार्थियों को स्कूल वापस लाया गया; 29 और जल्द ही बहाल किए जाएंगे, मंत्री का बयान
बालेश्वर – 29/11 (कृष्ण कुमार मोहंती): ओडिशा विधानसभा के चल रहे शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन प्रश्नोत्तर काल के दौरान बस्ता विधायक सुबासिनी जेना ने बस्ता विधानसभा क्षेत्र के प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में बढ़ते ड्रॉपआउट के आंकड़ों पर सवाल उठाया। उन्होंने बालेश्वर जिले में ड्रॉपआउट दर कम करने के लिए सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों की विस्तृत जानकारी भी मांगी।
मुख्य प्रश्न के साथ, उन्होंने दो अनुपूरक प्रश्न भी पूछे। उन्होंने जानना चाहा कि राज्य में माध्यमिक स्तर पर वर्तमान ड्रॉपआउट दर 27.3 प्रतिशत क्यों है और प्राथमिक तथा माध्यमिक शिक्षा छोड़ने के प्रमुख कारण क्या हैं, जिन्हें स्कूल एवं जन शिक्षा विभाग ने चिन्हित किया है। उन्होंने यह भी पूछा कि पिछले दो वर्षों में राज्यभर में, विशेषकर बालेश्वर जिले में, कितने ड्रॉपआउट विद्यार्थियों की पहचान कर उन्हें स्कूल वापस लाया गया। साथ ही उन्होंने यह स्पष्टीकरण भी मांगा कि आदिवासी और अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों में, जहां ड्रॉपआउट दर अधिक है, वहां कौन से विशेष कदम उठाए गए हैं।
उनके प्रश्नों का उत्तर देते हुए स्कूल एवं जन शिक्षा मंत्री नित्यानंद गोंड ने बताया कि बाल-ट्रैकिंग सर्वे, आस सीखिबा (चलो स्कूल चलें) अभियान, अभिभावकों के साथ संवाद और लगातार जागरूकता कार्यक्रमों के जरिए बच्चों को स्कूल लौटाने का प्रयास किया जा रहा है।
मंत्री ने स्वीकार किया कि आदिवासी और अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों में ड्रॉपआउट दर अपेक्षाकृत अधिक है। उन्होंने सदन को बताया कि इस अंतर को पाटने के लिए माधो सिंह योजना लागू की गई है।
उन्होंने आगे बताया कि बस्ता क्षेत्र में पहचाने गए 329 ड्रॉपआउट विद्यार्थियों में से 300 को स्कूल वापस लाया जा चुका है और शेष 29 को बहुत जल्द बहाल किया जाएगा।