27 और 28 दिसंबर को ‘उत्साहित्य’ लिट फेस्ट का आयोजन करेगा टाइमपास : प्रज्ञा प्रवर्तिका दाश को मिलेगा 18वां टाइमपास बुकर पुरस्कार
* चार लेखकों को मिलेगा ‘बेस्टसेलर पुरस्कार’, बारह को ‘प्रथमा सम्मान’ * डॉ. सुब्रत कुमार सेनापति को दिया जाएगा ‘बहि बंधु सम्मान’
बालेश्वर, 21 दिसंबर (कृष्ण कुमार महान्ति): ओडिशा की प्रतिष्ठित प्रकाशन संस्था टाइमपास ने घोषणा की है कि युवा कथा लेखकों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से पिछले 18 वर्षों से दिए जा रहे टाइमपास बुकर पुरस्कार से इस वर्ष युवा लेखिका डॉ. प्रज्ञा प्रवर्तिका दाश को उनकी कथा पांडुलिपि ‘केहिजणे’ के लिए सम्मानित किया जाएगा। यह पुरस्कार प्रतिवर्ष 50 वर्ष से कम आयु के ओड़िया कथाकार को प्रदान किया जाता है और पुरस्कार प्राप्त पांडुलिपि का प्रकाशन टाइमपास द्वारा किया जाता है।
इसके साथ ही, पाठकों के बीच अत्यधिक लोकप्रिय पुस्तकों को दिए जाने वाले टाइमपास बेस्टसेलर पुरस्कार के लिए इस वर्ष चार पुस्तकों का चयन किया गया है। कथा वर्ग में संजय पांडा की ‘तकिया’, कविता वर्ग में सुमित पांडा की ‘माटी खोजे पक्षी’, उपन्यास वर्ग में त्रिनाथ सिंह की ‘दुईफर्दा आकाश’ तथा प्रथमा वर्ग में श्रीसिक्ता शुभदर्शिनी नायक की ‘ऋतुटे रेवेनसरा’ को योग्य माना गया है।
ओड़िया पुस्तकों के नियमित पठन और सोशल मीडिया के माध्यम से उनके प्रचार-प्रसार में निरंतर योगदान के लिए डॉ. सुब्रत कुमार सेनापति को इस वर्ष का टाइमपास ‘बहि बंधु सम्मान’ प्रदान किया जाएगा।
ये सभी पुरस्कार टाइमपास द्वारा आयोजित छठे ‘उत्साहित्य’ साहित्य महोत्सव के दौरान 27 और 28 दिसंबर को प्रदान किए जाएंगे। इस अवसर पर बारह लेखकों को प्रथमा पुरस्कार, तीस युवा प्रतिभाओं को उदयाराग सम्मान तथा एक सौ मिनी कविताओं को ‘सेफ्टी पिन’ कविता सम्मान से सम्मानित किया जाएगा।
टाइमपास के निदेशक सरोज बल ने एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि दो दिवसीय इस महोत्सव में साहित्य के विविध विषयों पर परिचर्चाएं, कविता कैटवॉक, गीत-संगीत का संगम, फिल्म प्रदर्शन, लेखकों से संवाद, छवि और कविता की युगलबंदी, पुस्तक लोकार्पण, साक्षात्कार तथा प्रश्नोत्तर सत्र जैसे अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।