फकीर मोहन विश्वविद्यालय में IARA का 15वाँ अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन संपन्न

* 170 से अधिक शोधार्थियों की सहभागिता, 100 से अधिक शोध प्रस्तुतियाँ

Jun 1, 2025 - 00:26
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फकीर मोहन विश्वविद्यालय में IARA का 15वाँ अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन संपन्न

बालेश्वर, 31/05 (कृष्ण कुमार मोहंती) — "नवाचार और प्रौद्योगिकी के माध्यम से सतत विकास" विषय पर आधारित भारतीय अकादमिक शोधकर्ता संघ (IARA) का 15वाँ अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन फकीर मोहन विश्वविद्यालय, बालेश्वर में सफलता पूर्वक सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर IARA दीक्षांत समारोह – 2025 का भी आयोजन किया गया, जो IARA और फकीर मोहन विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में हुआ।

सम्मेलन का उद्घाटन फकीर मोहन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. संतोष कुमार त्रिपाठी ने किया। उन्होंने IARA के नवोन्मेषी प्रयासों और उच्च गुणवत्ता वाले शोध को बढ़ावा देने की दिशा में इसकी सहभागिता की सराहना की। अपने वक्तव्य में उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन शोधार्थियों, शिक्षकों और विद्यार्थियों के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध होगा।

इस अवसर पर डॉ. सी. परमशिवन — उप प्राचार्य एवं अनुसंधान समन्वयक, स्नातकोत्तर वाणिज्य विभाग, तिरुचिरापल्ली के तंथै पेरियार गवर्नमेंट आर्ट्स एंड साइंस कॉलेज एवं IARA के राष्ट्रीय अध्यक्ष — ने उद्घाटन भाषण में शोध की नई दिशाओं पर गहन दृष्टिपात किया।

प्रो. प्रणमा धर, वाणिज्य विभाग की पूर्व प्रमुख (प.बं. राज्य विश्वविद्यालय) एवं IARA की राष्ट्रीय महासचिव, ने अनुसंधान के क्षेत्र में समग्र विकास और चुनौतियों पर प्रकाश डाला।

प्रो. सुप्रिति मिश्रा, डीन, इंटरनेशनल मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट, भुवनेश्वर, मुख्य वक्ता के रूप में शामिल रहीं। उन्होंने शोध की गुणवत्ता, अनुसंधान में नैतिकता, शोधार्थियों के लिए सक्षम शैक्षणिक वातावरण, समान सतत विकास लक्ष्य, संसाधनों की स्थिरता और सुशासन जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विचार रखे।

सम्मेलन में प्रो. भास्कर बेहरा, पीजी काउंसिल अध्यक्ष, विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।

ऑनलाइन माध्यम से प्रो. सिद्धार्थ शंकर साहा, पूर्व डीन एवं वाणिज्य विभागाध्यक्ष, कलकत्ता विश्वविद्यालय, प.बं., ने सम्मेलन की थीम पर अपने विचार साझा किए।

प्रो. रमाकांत माहालिक, शिक्षा विभाग, क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान (NCERT), भुवनेश्वर, ने अपने विशेष संबोधन में शिक्षा की वर्तमान दिशा को सतत विकास लक्ष्यों से जोड़ते हुए मूल्यवान बातें प्रस्तुत कीं।

सम्मेलन के विभिन्न सत्रों में देश-विदेश के ख्यातिप्राप्त विद्वानों और विषय विशेषज्ञों की सक्रिय सहभागिता रही। तीन दिवसीय इस आयोजन में 170 से अधिक शोधार्थियों ने भाग लिया तथा 100 से अधिक शोध-पत्र प्रस्तुत किए गए।

उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता प्रो. अमूल्य कुमार आचार्य, शिक्षा विभागाध्यक्ष एवं सम्मेलन के संपादक ने की। उन्होंने अतिथियों का स्वागत करते हुए भूमिका प्रस्तुत की।

कार्यक्रम का संचालन डॉ. प्रगति सिंह, सहायक प्राध्यापक, शिक्षा विभाग ने किया।