ओड़िया भाषा विकास आंदोलन (OBBA) द्वारा आयोजित 'भाषापक्ष' के सातवें दिन पर दीनकृष्ण पर चर्चा

May 4, 2025 - 18:34
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ओड़िया भाषा विकास आंदोलन (OBBA) द्वारा आयोजित 'भाषापक्ष' के सातवें दिन पर दीनकृष्ण पर चर्चा

बालेश्वर | 04/05 (कृष्ण कुमार महांति): ओड़िया भाषा विकास आंदोलन (OBBA) द्वारा मनाए जा रहे भाषापक्ष के सातवें दिन, “कवि दीनकृष्ण” विषयक एक विशेष संगोष्ठी का आयोजन अभिनेता निरंजन राउत के संयोजन में किया गया।

मुख्य वक्ता डॉ. हरीशचंद्र बेहरा ने दीनकृष्ण के साहित्यिक कृतित्व पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने कहा कि जहाँ भागवत में राधा को अधिक महत्व नहीं दिया गया है, वहीं दीनकृष्ण ने राधा को नायिका बनाकर रसकल्लोल की रचना की। उन्होंने उसमें ‘क’ वर्ण की अनुप्रास योजना, भक्ति रस की प्रस्तुति और संस्कृत साहित्य की नायिकाओं के अनुरूप काव्य नायिका की परिकल्पना को दीनकृष्ण की विशेष काव्यशैली के रूप में चिन्हित किया। कविता के अतिरिक्त, उनके द्वारा रचित चौपदी, भजन, जणाना, चौतिशा, उलटा चौतिशा, पौराणिक कथाओं आदि का वर्णन कर उन्होंने श्रोताओं को भावविभोर कर दिया।

डॉ. लक्ष्मीकांत त्रिपाठी ने दीनकृष्ण की कुछ अल्पचर्चित रचनाओं की जानकारी दी, जैसे वैद्यशास्त्र, भूतकेलि, नवकेलि, अलंकार बोली, यमपुराण, संसारबोध, प्रस्ताव सिंधु आदि, और उनके दार्शनिक पक्ष पर चर्चा की। वक्ताओं ने यह भी कहा कि जॉन बीम्स द्वारा दीनकृष्ण पर की गई प्रारंभिक चर्चा ने ओड़िया साहित्य में आलोचना की नींव रखी।

संयुक्त संपादिका शांतिलता पांडा ने अतिथियों को मंच पर आमंत्रित किया, और संयुक्त संपादक जुमरनाथ पात्र ने उद्घाटन भाषण दिया। कवयित्री कल्याणी नंद ने कवि की आर्तत्राण चौतिशा का भावपूर्ण गायन करते हुए धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया।

अन्य उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों में शामिल थे: डॉ. शिरीषचंद्र जेना, अरुणा राय, राजेन्द्रनाथ राउत, शरत कुमार महापात्र, पंडित संजय कुमार पांडा, डॉ. क्षितीश्वर दास, अश्विनी कुमार शतपथी, दीपक बोस, कविता जेना, ऊर्मिला नायक, मधुसूदन माझी, महेन्द्र प्रसाद पाणिग्राही, सुनामणि जेना, डॉ. सारंगधर त्रिपाठी, प्रफुल्ल कुमार दास, योगेश चंद्र प्रधान, लम्बोदर नायक, करुणाकर एस., कमलाकांत दास, रमेश चंद्र जेना, दीपक दास, मन्मथ कुमार साहू, शांति बिशी, पुष्पलता चक्रवर्ती, नरेन्द्रनाथ पाणिग्राही, नित्यनंद राउत, रमाकांत महांति, ममता दास, कृष्णा प्रधान, अनादि चरण जेना और अवंती प्रधान।