‘मुठ्ठी में सपना’ और ‘सागरिका’ के विषुवांक अंक का लोकार्पण

"लेखक वही होता है जो मनुष्य द्वारा देखे गए स्वप्नों को आकार देता है," मुख्य अतिथि ने कहा।

Apr 30, 2025 - 13:01
Apr 30, 2025 - 13:11
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‘मुठ्ठी में सपना’ और ‘सागरिका’ के विषुवांक अंक का लोकार्पण

बालेश्वर, 29/04 (कृष्ण कुमार महान्ति): उपन्यासकार एवं ध्वनि प्रतिध्वनि पत्रिका के संपादक सृष्टिधर परिड़ा की कहानी संग्रह ‘मुठ्ठी में सपना’ तथा साहित्यिक पत्रिका ‘सागरिका’ के विषुवांक का हाल ही में लोकार्पण हुआ।

यह आयोजन स्टेशन क्लब में हुआ, जिसका उद्घाटन वरिष्ठ कवि रत्नाकर राउत ने किया। उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा कि कवि और साहित्यकारों की रचनाएँ, जो मनुष्य के स्वप्नों को आकार देती हैं, एक सुंदर समाज के निर्माण में सहायक होती हैं। उन्होंने आगे कहा कि मुठ्ठी में बंद सपने मनुष्य को हमेशा मार्ग दिखाते हैं, और जैसे एक मुट्ठी अच्छे बीजों से असंख्य फलदार वृक्ष उत्पन्न हो सकते हैं, वैसे ही सार्थक स्वप्न समाज को दिशा दे सकते हैं।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, बालेश्वर सदर विधायक मानस कुमार दत्त ने साहित्य और पुस्तकों को समाज निर्माण के लिए अत्यंत आवश्यक बताते हुए कहा कि ‘मुठ्ठी में सपना’ न केवल पाठकों को प्रेरित करेगा बल्कि उनकी सराहना भी प्राप्त करेगा।

चर्चा सत्र में डॉ. भागवत बेहरा ने पुस्तक के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह रचना एक विकृत समाज को संवारे जाने के लिए महत्वपूर्ण संदेश देती है। सुवर्णश्री प्रकाशनी के प्रमुख डॉ. कालिपद पंडा ने प्रकाशक की ओर से अपने विचार प्रस्तुत किए।

अधिवक्ता एवं समाजसेवी बेनुधर राउल और योगगुरु सुजीत कुमार जेना ने भी कहा कि ‘मुठ्ठी में सपना’ की विषयवस्तु शिक्षाप्रद है और इसकी सरल भाषा पाठकों के मन को छू जाएगी।

कार्यक्रम की अध्यक्षता ध्वनि प्रतिध्वनि और सागरिका की संपादिका कवयित्री सैरिन्ध्री साहू ने की। लेखक सृष्टिधर परिड़ा ने अतिथियों का स्वागत करते हुए अपने लेखक अनुभव साझा किए।

कार्यक्रम की शुरुआत स्वर साधिका श्वेतालिसा शुभदर्शिनी और वरिष्ठ अधिवक्ता विजय पाणिग्राही के मधुर गायन से हुई। कवयित्री प्रियंका प्रियदर्शिनी दास, रंगराग के संपादक प्रदीप्त कुमार महान्ति और अधिवक्ता यशोदानंदन आष ने मंच संचालन में सहयोग किया। शहर के अनेक साहित्यप्रेमी, बुद्धिजीवी और पत्रकार इस आयोजन में उपस्थित रहे।