बरपाली में 'ओड़िया भाषा विकास आंदोलन' (OBBA) द्वारा दिवसभर गंगाधर मेहेर जयंती समारोह आयोजित

बालेश्वर, 10/8 (कृष्ण कुमार महंती):
बालेश्वर के सारस्वत संगठन, ओड़िया भाषा विकास आंदोलन (OBBA) ने बालेश्वर से बरपाली तक की सारस्वत सौहार्द यात्रा के दौरान बरपाली में गंगाधर मेहेर जयंती का दिवसभर उत्सव आयोजित किया। बरपाली पहुंचे साहित्यिक दल ने वहाँ स्थित गंगाधर मेहेर के जन्मस्थल पर श्रद्धांजलि अर्पित की।
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कार्यक्रम स्थल पर एक साहित्यिक चर्चा सभा आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता गंगाधर के परपोते मनोरंजन मेहेर ने की और इसका समन्वय डॉ. सुकमुणि मेहेर ने किया। स्थानीय विधायक सनत कुमार गड़ड़िया मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुए और बालेश्वर से आए साहित्यकारों का गर्मजोशी से स्वागत किया।
सम्मानित वक्ताओं में डॉ. रमाकांत नायक और डॉ. शिरीष चंद्र जेना शामिल थे, जिन्होंने गंगाधर के साहित्यिक योगदानों पर विस्तार से चर्चा की। प्रोफेसर कुमुद रंजन पाणिग्रही, अशोक कुमार दास और डॉ. कुलमणि बेहरा को गंगाधर साहित्य सम्मान से नवाजा गया।
बालेश्वर से आई महिलाओं ने सभी के कलाई पर राखी बांधी और बालेश्वर के प्रसिद्ध गजाऔं का वितरण किया।
इस कार्यक्रम के पश्चात् गंगाधर प्रेमियों ने एक ज्योति यात्रा निकाली और निकटवर्ती सतलमा कॉलेज पहुंचे, जहाँ उन्होंने एक साहित्यिक चर्चा में भाग लिया। कॉलेज अध्यक्ष लिंगराज बेहरा ने इस आकर्षक कार्यक्रम का संचालन किया।
अभिनेत्री तपस्विनी गुरु, डॉ. सारंगधर त्रिपाठी, कवि दीपक बोस, डॉ. दुर्वदल मेहेर, रक्षा करी बिशी और डॉ. कमेश चंद्र सतपथी ने गंगाधर के साहित्य के विभिन्न पहलुओं पर अपने विचार व्यक्त किए।
शाम को बरपाली में गंगाधर मेहर क्लब और ओडिशा साहित्य अकादमी के संयुक्त तत्वावधान में गंगाधर जयंती मनाई गई। कार्यक्रम की शुरुआत हेमेन्द्र महापात्र द्वारा रचित नाटक ‘कम्बल’ के मंचन से हुई, जिसके बाद अध्यातपक घनश्याम पाणिग्रही की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय गंगाधर जयंती समारोह संपन्न हुआ।
जगन्नाथ संस्कृति के शोधकर्ता डॉ. आशुतोष प्रसाद मिश्रा, प्रतिष्ठित साहित्यकार डॉ. लक्ष्मण मेहेर और डॉ. लक्ष्मीकांत त्रिपाठी ने गंगाधर के साहित्यिक विरासत के विभिन्न आयामों पर प्रकाश डाला। साहित्य अकादमी के संयुक्त सचिव संजय कुमार छुाल सिंह ने स्वागत भाषण दिया। कार्यक्रम अध्यक्ष नरेंद्र कुमार होत ने अतिथियों का अभिवादन किया।
ओड़िया भाषा विकास आंदोलन की ओर से गंगाधर मेहर क्लब को फकीर मोहन और गंगाधर की संयुक्त मूर्ति एवं बालेश्वर से लाई गई एक चित्रित कम्बल भेंट स्वरूप प्रदान की गई।
फकीर मोहन साहित्य परिषद ने इस आयोजन की सराहना करते हुए आयोजकों को सम्मान पत्र और डॉ. रत्नाकर सिंह द्वारा संपादित कुछ दुर्लभ ग्रंथ भेंट किए।
दिवसभर के इस कार्यक्रम में निरंजन राउत, शरता कुमार महापात्र, बसंती दे, ममता महापात्र, गीतांजलि सिंह, डॉ. हरीशचंद्र बेहरा, तपन राय, ज्योत्स्ना राय, कल्याणी नंदा, सुब्रा मोहंती, कृष्णा प्रधान, शांतीलता पांडा, जुमरनाथ पात्र, यशोधरा दास, ममता दास, स्निग्धा सामंत राय, तृप्तिरानी पात्र, शुभंकर महापात्र, बेनुधर साहू, देबाशिष सिंह, दीपक दास, गीतांजलि सतपथी, दिनबंधु लेंका, प्रभाकर साहू, संजय कुमार पांडा, प्रफुल्ल कुमार दास, प्रतिमा पांडा, अर्चना नंदी सहित अन्य अनेक साहित्य प्रेमियों ने गंगाधर जयंती को सादर और उत्साहपूर्वक मनाया।