जयपुर में 9 नवम्बर को होगा अन्तर्राष्ट्रीय ज्योतिष एवं वास्तु सम्मेलन
विद्वानों, आचार्यों और विशेषज्ञों को मिलेगा सम्मान, प्रमाणपत्र, ट्रॉफी और मेडल का वितरण
जयपुर। श्री ऋषि दर्शन ज्योतिष वास्तु शोध संस्थान, जयपुर में विक्रम संवत् 2082, मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष पंचमी, 9 नवम्बर 2025 को एक दिवसीय इंटरनेशनल एस्ट्रो वास्तु कॉन्फ्रेंस 2025 आयोजित की जा रही है। इस सम्मेलन का मूल उद्देश्य ज्योतिष शास्त्र में निहित तथ्यों को समसामयिक स्वरूप में समाज के समक्ष प्रस्तुत करते हुए वास्तुशास्त्रीय परंपरा को प्रायोगिक दृष्टि से लोकोपयोगी बनाना है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथियों में राजस्थान की उपमुख्यमंत्री श्रीमती दिया कुमारी जी, श्री श्री अलबेली माधुरी शरण जी महाराज (आचार्य पीठ श्री सरस कुंज), कथावाचक श्री इंद्रेश उपाध्याय जी महाराज, श्री बालमुकुंदाचार्य जी, श्रीमती रेणुका पुण्डरीक गोस्वामी जी, गोवत्स श्री विठ्ठल जी महाराज, आचार्य शुभेश शरमन जी, गुरुदेव जी.डी. वशिष्ठ, प्रोफेसर डॉ. केदार शर्मा, प्रोफेसर विनोद शास्त्री, श्री महेन्द्र मिश्रा, श्री अनिल कुमावत और श्री हरमित चांवला जी सम्मिलित होंगे। इनके साथ अनेक जाने-माने ज्योतिष, वास्तु, वैदिक एवं टैरो रीडर विशेषज्ञ उपस्थित रहेंगे और अपने विचारों से प्रतिभागियों को मार्गदर्शन प्रदान करेंगे।
श्री ऋषि दर्शन ज्योतिष वास्तु शोध संस्थान, जयपुर के संस्थापक आचार्य रजनीश पांडेय ने बताया कि भारतीय शास्त्र अपनी उत्पत्ति काल से ही पूर्वजन्मार्जित कर्मों की वर्तमान जीवन में परिणति को भाग्य स्वरूप में आकाशस्थ ग्रह, राशि-नक्षत्रों के परस्पर संबंध द्वारा प्रस्तुत करता हुआ जीवन में शुभाशुभ फलों का सूचक होता है तथा जीवन के संभाव्य अशुभों का ज्ञान कर उनसे निवृत्ति का शास्त्रानुकूल उपाय भी प्रदान करता है। परंतु इन फलों की पूर्ण प्राप्ति में भारतीय वास्तुशास्त्र की भी महती भूमिका होती है, क्योंकि ज्योतिष और वास्तु दोनों ही एक-दूसरे के पूरक हैं और दोनों का लक्ष्य प्रकृतिमूलक विकास एवं प्राणीमात्र का कल्याण है। भारतीय वास्तु के सिद्धांत पर निर्मित गृह में सनातन धर्मानुकूल नियमों का पालन करते हुए ही हम शुभ फलों की पूर्ण प्राप्ति कर सकते हैं तथा अशुभ फलों का निवारण कर सकते हैं। इन्हीं परस्पर पूरक सिद्धांतों के अनुसार ही ज्योतिष शास्त्र प्राचीन काल से समाज को नई दिशा देता आया है और आज भी समाज में उतना ही आदरणीय है। भारतीय संस्कृतिमूलक मानव जीवन के निर्माण में ज्योतिष शास्त्र की भूमिका महत्वपूर्ण रही है और वर्तमान वैज्ञानिक युग में यदि भारतीय वास्तु प्रणाली का समुचित ढंग से उपयोग किया जाए तो निःसंदेह समाज को अत्यधिक लाभ होगा। इन्हीं कारणों से विभिन्न क्षेत्रों से पधारे विद्वानों के विचार-विमर्श और शास्त्रीय परिचर्चा हेतु इस सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है।
आचार्य रजनीश पांडेय के अनुसार इस संगोष्ठी में भारतीय ज्योतिष शास्त्र का आधुनिक संदर्भ में अनुप्रयोग जैसे विवाह काल विचार, मधुमेह एवं अवसाद के ज्योतिष लक्षण, कृषि एवं आयुर्वेद में ज्योतिष का अनुप्रयोग और आजीविका का क्षेत्र निर्धारण जैसे विषयों पर शोधपत्र वाचन किया जाएगा। इसी प्रकार भारतीय वास्तुविद्या के वैज्ञानिक परिशीलन पर भी चर्चा होगी, जिसमें भू-परिक्षण एवं चयन की समसामयिक व्यवस्था, बहुमंजिला भवन की वास्तु-सम्मत संरचना, मानचित्र निर्माण में आधुनिक तकनीकी का प्रयोग तथा विविध आजीविका हेतु उपयुक्त भूमि-भवन के आकार-प्रकार का परिग्यान जैसे विषय शामिल होंगे।
यह सम्मेलन 9 नवम्बर 2025 को जयपुर स्थित नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ आयुर्वेद में आयोजित होगा, जिसमें देश-विदेश के लगभग 500 विद्वान भाग लेंगे। बाहर से आए हुए सभी विद्वानों के ठहरने की व्यवस्था स्थल पर ही की जाएगी। सम्मेलन का शुभारंभ जयपुर के आराध्य देव श्री गोविंदधाम में विराजित श्री गोविंद देव जी के मंगला दर्शन से होगा, जिसके लिए बस द्वारा सभी अतिथियों को ले जाने और वापस लाने की व्यवस्था कार्यक्रम स्थल से की जाएगी। कार्यक्रम में श्री राधा गोविंद प्रभात फेरी मंडल के द्वार हरिनाम संकीर्तन भी किया जाएगा, निमाई पाठशाला की तरफ से भक्त चरित्र की प्रस्तुति भी होगी एवं जाने माने सेलिब्रिटी भक्त भागवत दास जी के द्वारा प्रवचन या प्रस्तुति को भी देखने और सुनने का आनंद प्राप्त होगा। इस कॉन्फ्रेंस में किसी भी प्रकार का पंजीयन शुल्क नहीं रखा गया है चूंकि इसमें केवल निमंत्रण के आधार पर ही प्रवेश होगा।
सम्मेलन में सम्मान और अलंकरण की विशेष व्यवस्थाएँ की गई हैं। इसमें प्रमाणपत्र की विभिन्न श्रेणियाँ जैसे गोल्ड, सिल्वर, ब्रॉन्ज, "ज्योतिष गौरव सम्मान" व "Lifetime Achievement" तथा "Certificate of Appreciation" प्रदान किए जाएंगे। इसके साथ ही नामित ज्योतिष आचार्यों और विशेषज्ञों को मेडल और ट्रॉफी भी प्रदान की जाएगी। विशेष उल्लेखनीय है कि इस अंतर्राष्ट्रीय ज्योतिष एवं वास्तु सम्मेलन में Marketing Crawlers डिजिटल पार्टनर और इवेंट पार्टनर के रूप में जुड़ा है, जो सम्मेलन की डिजिटल उपस्थिति और आयोजन के सफल संचालन में अपनी अहम भूमिका निभा रहा है।