युवा कवि सूर्यस्नाता त्रिपाठी को मिलेगा एसओए युवा साहित्य पुरस्कार 2025
बालेश्वर, 12 नवम्बर (कृष्ण कुमार मोहंती): ओड़िया के प्रतिष्ठित युवा कवि और लेखक सूर्यस्नाता त्रिपाठी को एसओए युवा साहित्य पुरस्कार 2025 से सम्मानित किया जाएगा। यह सम्मान तीसरे एसओए साहित्य महोत्सव के समापन सत्र में सिक्सा ‘ओ’ अनुसंधान (डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी), भुवनेश्वर में 30 नवम्बर को प्रदान किया जाएगा।
त्रिपाठी को उनकी कहानी संग्रह 'ठीआ पुचि नारंग' के लिए निर्णायक मंडल द्वारा सर्वसम्मति से चुना गया है। यह पुस्तक, जो 2024 में वर्षा पब्लिकेशन द्वारा प्रकाशित हुई थी, बारह उत्कृष्ट कहानियों का संकलन है जो मानव संवेदनाओं और समकालीन जीवन की गहराइयों को संवेदनशील ढंग से प्रस्तुत करती हैं।
1991 में जन्मे युवा कवि सूर्यस्नाता त्रिपाठी वर्तमान में आईआईटी रूपनगर (रोपड़) के बायोमेडिकल इंजीनियरिंग विभाग में सहायक प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हैं। वे सात कविता-संग्रहों, एक कहानी संग्रह और धरमवीर भारती की ‘कनुप्रिया’ के ओड़िया अनुवाद के रचनाकार हैं। उन्हें केंद्रीय साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार (2017) से भी सम्मानित किया जा चुका है।
वे हैदराबाद के नाट्य समूहों काश, किस्सा गो, और प्ले ऑफ शिवा से जुड़े एक प्रतिभाशाली नाटककार भी हैं। उनके चर्चित नाटकों में बोतल अर्ज है, लास्ट विश, जेनेरेशन और न्यूटन शामिल हैं।
हाल ही में इस युवा कवि ने सिनेमा की ओर कदम बढ़ाया है। उनकी ओड़िया फीचर फिल्म इंद्रधनु और लघु फिल्में माटिमुहाना (ओड़िया) तथा खिड़कियां (हिंदी) दर्शकों के बीच सराही गई हैं।
एसओए युवा साहित्य पुरस्कार की शुरुआत इसी वर्ष की गई है। इसका उद्देश्य ओड़िया साहित्य में नई और मौलिक आवाजों को प्रोत्साहन देना है। यह पुरस्कार कविता, कथा, नाटक और आलोचना जैसी विधाओं में उभरते लेखकों को मान्यता प्रदान करता है। इसके अंतर्गत ₹1,00,000 की नकद राशि, एक प्रशस्ति-पत्र, रजत स्मृति-चिह्न और उत्तरीय प्रदान किए जाएंगे।
महोत्सव में जावेद अख्तर को भी एसओए साहित्य सम्मान 2025 से सम्मानित किया जाएगा, भारतीय सिनेमा और साहित्य में उनके असाधारण योगदान के लिए। यह आयोजन एसओए विश्वविद्यालय द्वारा तथा इसके केंद्र ‘प्राचीन’ (PPRACHIN) द्वारा 29 और 30 नवम्बर को किया जाएगा। महोत्सव का विषय रहेगा “संस्कृति, सृजनशीलता और कृत्रिम बुद्धिमत्ता”।
इस दो दिवसीय महोत्सव में देशभर से लगभग 100 प्रमुख लेखक, कवि, कलाकार और चिंतक शामिल होंगे। यह जानकारी प्रो. गायत्रीबाला पांडा, प्रमुख – प्राचीन एवं महोत्सव निदेशक, ने दी।